कर्मो पर बाबा का सन्देश
हे मेरे प्रिय.. आज का सन्देश सिर्फ तुम्हारे लिए है क्योंकि तुम मेरे लिए सबसे प्रिय हो. मैं यह देख पा रहा हूँ की आजकल तुम अपनी चिंताओं में घिरे रहते हो और समस्याओं का हल निकालने के लिए प्रयासरत रहते हो.
यह जीवन है और यहाँ समस्याये आती रहेंगी लेकिन तुम चिंता मत करो क्योंकि मेरा आशीर्वाद सदा तुम्हारे ऊपर है. जब भी तुम्हारे जीवन में कठिन क्षण आएगा उस पल मैं कवच बनकर तुम्हारे साथ रहूँगा.
तुम व्यर्थ में अभी चिंता कर रहे हो मैंने तुम्हारे लिए बहुत ही सुनहरा भविष्य लिखा हुआ है. व्यर्थ के चिंता में अपने अभी के इस क्षण को बर्बाद मत करो. तुम अभी जो भी काम कर रहे हो उसमे अपना शत प्रतिशत मेहनत करो ताकि तुम्हारा कर्म मजबूत होता रहे.
यह सब कर्म का ही खेल है. जैसा तुम करते जाओगे यह ब्रह्मांड उन कर्मो के फलस्वरूप तुम्हारे भविष्य का निर्माण करता जाएगा. जब भी तुम्हारे सामने किसी कार्य को करने का अवसर आता है या तुमको वह कर्म करना पड़ता है तो सदैव यह याद रखे की वह कर्म अच्छा हो.
उस कर्म से किसी भी व्यक्ति या प्राणी की हानि न हो. तुम्हारे कर्म करने से किसी का अगर हित होता है तो वह कर्म सकारात्मक हो जाता है जिसके कारण यह ब्रह्मांड तुम्हारे लिए अच्छे भविष्य का निर्माण शुरू कर देता है.
मेरे बच्चे.. मैं तुम्हे इस सन्देश से यह राह दिखाना चाहता हूँ की तुम अपने जीवन में जिस भी क्षण अपने तन ,मन बुद्धि से कुछ भी कर रहे होते हो तो यह बात जरुर ज्ञात में रखना की वह जो कर्म है वह मेरी नजरो में उचित है या अनुचित.
ऐसा करने से तुम्हारे बुरे कर्म होना कम हो जायेंगे और मैं तुम्हारी भलाई के लिए यही तो चाहता हूँ. मैं चाहता हूँ की तुम्हे भविष्य में कोई ऐसी समस्या न आये जिससे तुम्हारा जीवन में संकट आये या तुम्हे दुःख का भोग करना पड़े.
तुम्हारे जीवन में कई बार ऐसे भी क्षण आयेंगे जब तुमको दिखेगा की मेरा कर्म उचित नहीं है और मैं सही कर्म करने से दूर जा रहा हूँ तब इस बात का स्मरण जरुर करे की तुम ही अपने भाग्य के निर्माता होते हो और कैसे आप बुरे कर्म को टाल सकते हो.
जिस तरह का कर्म तुम करते जाते हो भविष्य में वैसा ही कर्म या घटना तुम्हारे पास लौट कर आती है और तब तुम्हे लगता है की मेरे साथ ऐसा कैसे हो रहा है.
हे मेरे प्रिय… तुम अभी बहुत ही नादान हो तुम्हे इस सृष्टि का अभी पूरी तरह से ज्ञान नहीं हुआ है. किन्तु तुम्हारी जो मेरे प्रति श्रध्दा है वह तुम्हे इस संसार में हमेशा आगे बढाती जाएगी और तुम्हे उन बुरे कर्मो से बचाएगी जो तुम्हे हानि पहुंचा सकते है.
तुम लाखो लोगो में से बहुत ही सौभाग्यशाली हो क्योंकि तुम्हारे जीवन में श्रद्धा भाव आ चूका है तुम अपने जीवन में मेरी बताई गयी राह की ओर बढ़ने लगे हो.
तुम मेरी शरण में हो तो तुम्हारा बुरा मैं होने नहीं दूंगा. जब भी तुम्हरे जीवन में कठिन वक्त आएगा तो समझ लेना की मैं तुम्हारी परीक्षा ले रहा हूँ. वही जब भी तुम समस्याओं का सामना करोगे तो वह तुम्हे मजबूत बनाने के लिए आती है. तो जीवन में सिर्फ सुख की अपेक्षा बिलकुल न करे.
समस्याएं और दुःख सुख के परोक्ष में खड़े होते है तो सुख दुःख आता जाता रहता है लेकिन तुम उन सभी स्थितियों में कैसे खुद को संयम के साथ मजबूत बनाते जाते हो यह तुम पर निर्भर करता है.
इसलिए तुम सिर्फ अपने कर्मो को सही करने पर ध्यान दो.. तुम्हरे सही कर्म तुम्हारे लिए सुख वाले क्षण जीवन में बढाते जायेंगे और तुम्हारा जीवन सुगम और सुखी बनता जाएगा.
तुम्हारी आस्था के कारण मैं बुरी स्थितयो को तुमसे दूर ही रखूँगा. तुम्हारा हर क्षण सुखी बनाना मेरा परम कर्तव्य है क्योंकि तुम मेरे लिए बहुत ही अनमोल हो.
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