सुप्रभात संस्कृत श्लोक हिंदी अर्थ के साथ | Good Morning Shlokas in Sanskrit
दोस्तों.. हम लोग सुबह उठने के बाद अगर किसी को wish करते है तो हमेशा Good Morning बोलकर wish करते है लेकिन अगर आप अपने दोस्तों व परिवारवालो को Good Morning wish संस्कृत के श्लोक में करे तो आपका Good Morning कुछ ख़ास जरुर बन जायेगा.
इस पोस्ट में हमने आपके साथ Good Morning shlok (सुप्रभातम् श्लोक) शेयर किये है जो की हमारे अन्दर एक positive energy को बढाती है और हमें नेगेटिव थिंकिंग से दूर करती है तो इस आर्टिकल को अंत तक जरुर पढ़े.
कराग्रे वसते लक्ष्मी करमध्ये सरस्वती।
करमूले स्थिते गौरी प्रभाते करदर्शनम्।।
भावार्थः हथेली के सबसे आगे भाग में लक्ष्मी जी, बीच भाग में सरस्वती जी व मूल भाग में गौरी जी का निवास होता है इसलिए सुबह – सुबह दोनों हथेलियों के दर्शन करना चाहिए.
धनानि भूमौ पशवश्च गोष्ठे भार्या गृहद्वारि जनः श्मशाने।
देहश्चितायां परलोकमार्गे कर्मोनुगो गच्छति जीव एकः।।
हिंदी अर्थ : धन भूमि पर, पशु गोष्ठ में, पत्नी घर में, सम्बन्धी श्मशान में और शरीर चिता पर रह जाता है. केवल कर्म ही है जो परलोक के मार्ग पर साथ-साथ आता है.
आरोप्यते शिला शैले यथा यत्नेन भूयसा।
निपात्यते सुखेनाधस्तथात्मा गुणदोषयोः।।
हिंदी अर्थ : जैसे किसी पत्थर को बड़े कष्ट से पहाड़ के ऊपर पहुँचाया जाता है पर बड़ी आसानी से वह नीचे गिर जाता है, वैसे ही हम भी अपने गुणों के कारण ऊँचे उठते है लेकिन हम एक ही दुष्कर्म से आसानी से गिर सकते है.
विद्या विवादाय धनं मदाय शक्तिः परेषां परिपीडनाय।
खलस्य साधोर् विपरीतमेतद् ज्ञानाय दानाय च रक्षणाय।
हिंदी अर्थ : दुर्जन की विद्या हमेशा विवाद करने के लिये, धन उन्माद के लिये व शक्ति दूसरों का दमन करने के लिये होती है. वही सज्जन इसी को ज्ञान, दान, और दूसरों के रक्षण के लिये उपयोग करते है.
मा कुरु धनजनयौवनगर्वं हरति निमेषात्कालः सर्वम्।
मायामयमिदमखिलं हित्वा ब्रह्मपदं त्वं प्रविश विदित्वा।।
हिंदी अर्थ : धन, जन, और यौवन पर घमण्ड मत करो.. समय इन्हें पल में छीन लेता है. इस माया को छोड़ कर इस ज्ञान से ब्रह्मपद में प्रवेश करो.
विवादो धनसम्बन्धो याचनं चातिभाषणम्।
आदानमग्रतः स्थानं मैत्रीभङ्गस्य हेतवः।।
हिंदी अर्थ : वाद-विवाद करना, धन के लिये सम्बन्ध बनाना, माँगना, अधिक बोलना, ऋण लेना, आगे निकलने की चाह रखना यह सब मित्रता के टूटने में कारण बनते हैं.
यस्य कृत्यं न विघ्नन्ति शीतमुष्णं भयं रति।
समृध्दिरसमृद्धिर्वा स वै पण्डित उच्यते।।
हिंदी अर्थ : जिसका कार्य कभी ठण्ड, ताप, भय, प्रेम, समृद्धि या अभाव से बाधित नहीं होता केवल वही वास्तव में श्रेष्ठ है.
यदि सन्ति गुनाः पुंसां विकसन्त्येव ते स्वयम्।
नहि कस्तुरिकामोदः शपथेन विभाव्यते॥
हिंदी अर्थ : जैसे कस्तूरी की खुशबू छिपाई नहीं जा सकती उसी तरह किसी व्यक्ति के अच्छे गुण छिपाए नहीं जा सकते.
वाणी रसवती यस्थ, यस्य श्रमवती क्रिया ।
लक्ष्मी : दानवती यस्य, सफलं तस्य नीवितं ।।
हिंदी अर्थ : जिस मनुष्य की वाणी मीठी होती है, जिसका अपने कार्य में परिश्रम करता है, जिसका धन दान करने में प्रयुक्त होता है, उसका जीवन सफल है.
न कालमतिवर्तन्ते महान्तः स्वेषु कर्मसु।
हिंदी अर्थ : महान लोग अपने काम को करने के लिए किसी ख़ास समय का इन्तजार नहीं करते.
जीवेषु करुणा चापि मैत्री तेषु विधीयताम्।
हिंदी अर्थ : जीवों से करुणा एवं मैत्री करिए.
स्वस्मै स्वल्पं समाजाय सर्वस्वं।
हिंदी अर्थ : अपने लिए थोड़ा और समाज के लिए सब कुछ.
परमाणु परममहत्त्वान्तोऽस्य वशीकारः।
हिंदी अर्थ : चित्त के शांत होने पर अणु से लेकर सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड तक की समझ उत्पन्न होती है.
लोकाः समस्ताः सुखिनो भवन्तु।
हिंदी अर्थ : इस संसार में सभी लोग सुखी रहे.
आच्छादने दोषवृध्दि ख्यापने तु लयो भवेत्।
हिंदी अर्थ : दोष छुपाने से बढ़ता है और प्रकट करने से समाप्त होता है.
नातिक्रान्तानि शोचेत प्रस्तुतान्यनागतानि चित्यानि।
हिंदी अर्थ : बीती बातों पर दुःख न मनाये. वर्तमान व भविष्य की बातों पर ध्यान दें.
शतहस्त समाहर सहस्रहस्त संकिर।
हिंदी अर्थ : सौ हाथ से कमाओ और हजार हाथो से दान करो.
सिंहवत्सर्ववेगेन पतन्त्यर्थे किलार्थिनः।
हिंदी अर्थ : जो लोग अपने काम को संपन्न करना चाहते हैं, वे शेर की तरह अधिक तेजी से काम पर टूट पड़ते है.
विवेकख्यातिरविप्लवा हानोपायः।
हिंदी अर्थ : लगातार अभ्यास से प्राप्त विवेक अज्ञानता को दूर करता है.
अति सर्वनाशहेतुर्ह्यतोऽत्यन्तं विवर्जयेत्।
हिंदी अर्थ : अति सर्वनाश का कारण है. इसलिये अति का हमेशा त्याग करे.
आलसस्य कुतो विद्या, अविद्यस्य कुतो धनम्।
अधनस्य कुतो मित्रम्, अमित्रस्य कुत: सुखम्।।
हिंदी अर्थ : आलसी को विद्या कहाँ, अनपढ़ को धन कहाँ, निर्धन को मित्र कहाँ व अमित्र को सुख कहाँ मिलती है.
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उदेति सविता ताम्रस्ताम्र एवास्तमेति च।
सम्पतौ च विपत्तौ च महतामेकरूपता॥
हिंदी अर्थ : सूर्य उदय और अस्त होते समय लाल होता है वैसे ही महापुरुष सुख और दुःख में समान रहते हैं.
आलसय्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः।
नास्त्युद्यमसमो बन्धु: कृत्वा यं नावसीदति।
हिंदी अर्थ : आलस्य मनुष्य के शरीर में रहने वाला उसका सबसे बड़ा शत्रु होता है. परिश्रम जैसा हमारा कोई दूसरा मित्र नहीं होता.
अतितृष्णा न कर्तव्या तृष्णां नैव परित्यजेत्।
शनैः शनैश्च भोक्तव्यं स्वयं वित्तमुपार्जितम्।।
हिंदी अर्थ : अत्यधिक इच्छाएँ नहीं करनी चाहिए पर इच्छाओं का हमेशा त्याग भी नहीं करना चाहिए. अपने कमाये हुए धन का धीरे – धीरे उपभोग करना चाहिये.
रात्रिर्गमिष्यति भविष्यति सुप्रभातं भास्वानुदेष्यति हसिष्यति पङ्कजश्रीः।
इत्थं विचिन्तयति कोशगते द्विरेफे हा हन्त हन्त नलिनीं गज उज्जहार।।
हिंदी अर्थ : रात खत्म होकर दिन आएगा, सूरज फिर उगेगा, कमल फिर खिलेगा.. ऐसा कमल में बन्द भँवरा सोच ही रहा था की हाथी ने कमल को उखाड़ फेंका.
चन्दनं शीतलं लोके, चन्दनादपि चन्द्रमाः।
चन्द्रचन्दनयोर्मध्ये शीतला साधुसंगतिः।
हिंदी अर्थ : इस संसार में चन्दन को शीतल माना जाता है लेकिन चन्द्रमा चन्दन से भी शीतल होता है. अच्छे मित्रों का साथ चन्द्रमा और चन्दन तुलना में अधिक शीतलता देने वाला होता है.
यथा चित्तं तथा वाचो यथा वाचस्तथा क्रिया।
चित्ते वाचि क्रियायां च साधूनामेकरूपता।।
हिंदी अर्थ : जैसा हमारा मन होता है वैसी ही वाणी होती है, जैसी वाणी होती है वैसे ही कार्य होता है. सज्जन लोगो के मन, वाणी और कार्य में समानता होती है.
भद्रं भद्रं कृतं मौनं कोकिलैर्जलदागमे।
दर्दूराः यत्र वक्तारः तत्र मौनं हि शोभते।।
हिंदी अर्थ : कोयल वर्षा ऋतु के प्रारंभ में चुप हो जाती है क्योंकि बोलने वाले जहाँ मेंढक हो वहाँ चुप रहना ही शोभा देता है.
कल्पयति येन वृत्तिं येन च लोके प्रशस्यते सद्भिः।
स गुणस्तेन च गुणिना रक्ष्यः संवर्धनीयश्च।।
हिंदी अर्थ : जिस गुण से आजीविका का निर्वाह होता हो और जिसकी सभी प्रशंसा करते हैं, अपने स्वयं के विकास के लिए उस गुण को बचाना और बढ़ावा देना चाहिए.
स्वस्तिप्रजाभ्यः परिपालयन्तां न्यायेन मार्गेण महीं महीशाः।
गोब्राह्मणेभ्यः शुभमस्तु नित्यं लोकाः समस्ताः सुखिनो भवन्तु।।
हिंदी अर्थ : सभी लोगों की भलाई शक्तिशाली नेताओं द्वारा कानून और न्याय के साथ हो. सभी दिव्यांगों और विद्वानों के साथ सफलता बनी रहे और सारा संसार सुखी रहे.
प्रथमे नार्जिता विद्या द्वितीये नार्जितं धनम्।
तृतीये नार्जितं पुण्यं चतुर्थे किं करिष्यसि।।
हिंदी अर्थ : यदि जीवन के प्रथम भाग में विद्या, दूसरे में धन और तीसरे में पुण्य नही कमाया तो चौथे भाग का क्या करोगे ?
इसके अलावा भी अगर आपको संस्कृत में श्लोक पढना पसंद है तो आपको ये शानदार संस्कृत श्लोक जरुर पढने चाहिए – 25 संस्कृत श्लोक अर्थ सहित
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