भारत में बच्चा गोद लेने की कानूनी प्रक्रिया और शर्तें क्या हैं ? Baby Adoption Process Low In Hindi
बच्चा गोद लेने की शर्ते क्या क्या होती है ? (Baby Adopt Karne ki Condition)
जी हाँ दोस्तों, आज हम आपको बच्चा गोद लेने के कुछ मानदंडों के बारे में जा रहे है। दोस्तों भारत में बच्चा गोद लेना आज एक आम बात हो गई है और अधिकतर वे लोग ही बच्चा गोद लेते है जिनके पास या तो औलाद का सुख नहीं होता या फिर कुछ लोग बच्चे होने के बाद भी अनाथ बच्चो को गोद लेते है ताकि वे उन्हें अच्छा भविष्य व अच्छा जीवन दे पाए।
कुछ लोग ऐसे भी होते है जो केवल गोद लिए हुए बच्चो को पाल पोसकर बड़ा करते है फिर चाहे वे विवाहित हो या अविवाहित वे उस बच्चे को समाज में जगह देने और उन्हें अपना नाम देने का बहुत बड़ा महान काम करते है।
हमारे भारत देश में बच्चा गोद लेने की ऐसी ही बहुत सी कानूनी प्रकियाएं होती है जो हर दत्तक ग्रेहण को पूरी करनी पड़ती है। आगे हम आपको ऐसी ही कुछ शर्तो और नियमो के बारे में बताने जा रहे है। जिससे आपको ये पता चल जायेगा कि भारत में बच्चा गोद लेने की क्या क्या प्रक्रियाएं होती है व कैसे नियमो का पालन करना पड़ता है।
कारा का अर्थ क्या है व इसके क्या कार्य होते है ? (CARA Meaning In hindi)
CARA का अर्थ है केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (Central Adoption Resource Authority: CARA) व यह एक वैधानिक निकाय (Statutory Body) है जो भारत में महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा स्थापित क्या गया है।
यह भारत में बच्चो को गोद लेने के लिए दत्तक ग्रेहेन करने के लिए बढ़ावा देता है व यह देश के अलग अलग बाल देख़भाल संसाधन में बड़ी उम्र के बच्चो के पुनर्वास कार्यो के लिए भी ज़ोर दे रहा है।
भारत में बच्चा गोद लेने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए ? (Baby Adoption in India)
दोस्तों.. भारत में बच्चा गोद लेने के लिए आपको कुछ योग्यता का ज्ञान होना बहुत ज़रूरी है मतलब ये यदि आप बच्चा गोद लेना चाहते है तो आपको उसके योग्य भी होना चाहिए और आपकी योग्यता और सभी प्रक्रियाए केंद्रीय दत्तक संसाधन प्राधिकरण द्वारा की जाती है.
जोकि महिला और बाल कल्याण मंत्रालय का हिस्सा है जो की बच्चा गोद लेने के लिए बहुत से नियम व कानून को लागू करने के समक्ष काम करते है।
For Example :
- बच्चा अडॉप्ट करने वाले माता पिता भारत के नागरिक होने चाहिए।
- इसके अलावा NRI व विदेशी नागरिक भी बच्चा गोद ले सकता है। जिसके लिए इन दोनों को अलग अलग प्रक्रियाएं पूरी करनी होती है।
- बच्चा गोद लेने के लिए पति पत्नी का कम से कम 2 साल का वैवाहिक बंधन होना चाहिए व दम्पति की संयुक्त सहमति होनी चाहिए।
- दत्तक ग्रहण करने के लिए कोई भी महिला व पुरुष योग्य है परन्तु वो बच्चे का पालन पोषण करने योग्य होने चाहिए।
- दम्पति और गोद लिए बच्चे की आयु में 25 वर्ष का अंतर होना चाहिए।
- दंपत्ति की कुल औसत आयु 100 या 110 से अधिक नहीं होनी चाहिये।
- सिंगल पेरेंट् की आयु 45 साल होनी अनिवार्य है तो वही दूसरी तरफ यदि आप 18 साल तक के बच्चे को गोद लेने के लिए आपकी कुल आयु 90 साल से अधिक नहीं होनी चहिये।
बच्चे को गोद लेने के लिए कौन सी शर्तो को लागू किया गया है ?
- सबसे पहले बच्चा गोद लेने के लिए भावी दम्पति की सहमति होना बहुत ज़रूरी है।
- माता पिता की आर्थिक स्तिथि बच्चे सँभालने व उसका पालन पोषण करने के लिए सक्षम होनी चाहिये।
- एक बच्चे को केवल ही भावी माता पिता गोद ले सकते है।
- गोद लेने के लिए माता पिता को अपने निवास का प्रमाण पत्र व अपनी पहचान के सभी दस्तावेज जमा करने होंगे।
भारत में बच्चा गोद लेने की कानूनी प्रक्रियाएं कौन कौन सी है ? (Bachcha God lene Ka Process)
दोस्तों Adoption कानूनी प्रक्रिया के अंतर्गत आती है और कानूनी प्रक्रिया पूरी होने पर ही आप बच्चा गोद ले सकते है। और सरल भाषा में कहे तो एडॉप्शन का मतलब है जिसमे बच्चे का सम्बन्ध Biologically उसके माता पिता से नहीं होता। कानूनी प्रक्रियाओं के अनुसार बच्चे को गोद लेने के बाद बच्चे पर केवल आपका ही अधिकार होगा।
भारत सरकार द्वारा गठित संस्था CARA ने बहुत सी कानूनी प्रक्रिया निर्धारित की है जिसमे ये शामिल है की आप किस किस बच्चे को गोद ले सकते हो और कौन कौन बच्चा गोद लेने के पात्र है।
- बाल सुधार ग्रह में पल रहे बच्चो को आप गोद ले सकते है इसके लिए आपको अपने सभी दस्तावेज व पहचान पत्र जमा करने होते है।
- बाल सुधार ग्रह में अनाथ बच्चे को उसी देश में रहने वाला कोई भी नागरिक गोद ले सकता है अगर वो हर तरफ से सक्षम है और सभी पहचान वैध है तभी यह संभव है।
- इसके अलावा बच्चा गोद लेने के विनियम 51 उपधारा 3 यह लागू है कि गोद लेने के लिए बच्चे की सहमति भी आवश्यक है यदि उसकी आयु 5 वर्ष से अधिक है।
- दत्तक माता पिता को अदालत से आदेश लेना भी आवशयक है और इसके लिए अदालत भावी माता पिता को प्रमाणित प्रति प्रदान करती है।
- कानूनी प्रकिया के अनुसार एक पुरुष को लड़की को गोद लेने की अनुमति नहीं है। जबकि दूसरी तरफ एक सिंगल महिला किसी भी लिंग के बच्चे को गोद ले सकती है।
- भावी माता पिता केवल तभी बच्चे को गोद ले सकते है जब उनके 4 से अधिक बच्चे नहीं होने चाहिए।
- CARA के अनुसार भावी माता पिता दोनों की सहमति भी कानून के सामने होती है।
कानून के नियम व शर्तो के अंतर्गत गोद लिए हुए बच्चे को व माता पिता को एक कमरे में न्यायधीश के साथ जाना पड़ता है। ताकि माता पिता से सवाल किये जा सके व बच्चे को गोद लेने का कारण व न्यायधीश को धनराशि से संबधित सवाल जवाब करने का भी पूरा अधिकार है।
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