संस्कृत में धन्यवाद श्लोक Dhanyavad Par Sanskrit Shlok
दोस्तों, इस आर्टिकल में यहां पर हम आपको कुछ संस्कृत भाषा में धन्यवाद देने वाले श्लोक दे रहे हैं जिनका उपयोग आप संस्कृत भाषा में धन्यवाद करने के लिए कर सकते है तो आइये जाने संस्कृत में धन्यवाद श्लोक ।
संस्कृत श्लोक 1: लोका: समस्ता: सुखिनो भवन्तु।
इसका अर्थ है : इसका अर्थ है कि संपूर्ण संसार सुखी (खुश) रहे।
संस्कृत श्लोक 2: सर्वम् परवशम् दु:खम् सर्वमात्मवशम् सुखम्।
इसका अर्थ है : जो लोग दुसरो के वश में रहते है वे दुखी ही रहते है। लेकिन जो लोग अपने वश में रहते है, वे हमेशा सुखी रहते हैं।
संस्कृत श्लोक 3: गुरूर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णु: गुरुर्देवो महेश्वर:।
गुरू: सक्षात् परम् ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नम:।।
इसका अर्थ है : हमारे गुरु ब्रह्मा, विष्णु, शंकर और साक्षात परमब्रह्म है और ऐसे महान गुरु को मैं सत् सत् नमन करता हूँ।
संस्कृत श्लोक 4: अभिवादनशीलस्य नित्यम् वृद्धोपसेविन:।
चत्वारी तस्य वर्धन्ते आयुर्विद्या यशोबलम्।।
इसका अर्थ है : ऐसे व्यक्ति जो बड़ों का अभिवादन करते है और हमेशा वृद्धों की सेवा करते है, ऐसे मनुष्यों की चार चीजें आयु, विद्या, यश और बल हमेशा बढ़ती हैं।
संस्कृत श्लोक 5: दुर्जन: परिहर्तव्यो विद्यालंकृतो सन।
मणिना भूषितो सर्प: किमसौ न भयंकर:।।
इसका अर्थ है : अगर कोई भी दुष्ट व्यक्ति विद्वान है तो उसका परित्याग करना चाहिए। जिस तरह मणि से सुशोभित सर्प (सांप) भयंकर होता है ?
संस्कृत में धन्यवाद कैसे दें ?
आइये संस्कृत में धन्यवाद के संस्कृत में अनुवाद जानते है..
धन्यवाद को संस्कृत में = अनुगुरिहीतोसुमि (अनुगृहीतोऽस्मि)
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Amit says
Such a great collection of great sanskrit shlokas on DHANYAWAAD. Reading them was such a pleasure. Will be using some of them in my daily conversations with people around.