रिश्तेदार का बच्चा गोद लेने के नियम ! Relatives child adoption rules in hindi
हर कोई चाहता है की उसके घर में बच्चो की किलकारी गूंजे उनके घर में भी बच्चे खेले और कोई ऐसा हो जिनके लिए माँ – बाप अपना प्यार दिखा सके. इसलिए हर विवाहित बच्चे पैदा करते है और अपने वंश को आगे बढाते है.
लेकिन कई कारणों से दत्तक माता पिताओं को बच्चा गोद लेने की जरूरत पड़ती है और भारत सरकार इसके लिए मंजूरी भी देती है। ध्यान रहे कि संपूर्ण भारत में गोद लेने की प्रक्रिया एक समान है, लेकिन अगल-अलग राज्य में इसके दिशा-निर्देश अलग-अलग हो सकते है।
भारतीय CARA के नियमों के अनुसार रिश्तेदार के बच्चे को गोद लिया जा सकता है, हालांकि इसके लिए उन्हे कानूनी कार्यवाही पूरी करनी होगी। इसके निम्न स्टेप्स है, जिससे आप रिश्तेदार का बच्चा गोद ले सकते है।
रिश्तेदार का बच्चा गोद लेने के नियम
1. पंजीकरण : सर्वप्रथम आपको CARA की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर अपने जानकारीयों के साथ रजिस्ट्रेशन करना होगा।
2. दस्तावेज : पंजीकरण के लिए सभी डॉक्यूमेंट को अपलोड करें।
3. होम स्टडी : स्पेशलाइज्ड एडॉप्शन एजेंसी के कुछ लोग आपके घर की स्टडी कर, अपनी रिपोर्ट को समाजसेवी के पास भेजता है।
4. बच्चे का चुनाव : आपको बच्चे दिखाए जाएंगे तथा आपको 48 घंटे के अंदर उस बच्चे को रिसर्व करना होगा।
5. चयनित बच्चे का मिलान : बच्चे के चुनाव के बाद SAA कोर्ट में याचिका दर्ज की जाती है।
6. कोर्ट आदेश : याचिका पर सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट बच्चा गोद लेने के आदेश जारी करता है ।
अगर आप बच्चे गोद लेने के फायदे के बारे में जानना चाहते है तो मैं यह आर्टिकल पढने के लिए जरुर recommend करूँगा – बच्चे गोद लेने के 15 फायदे और कारण
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