सांझ हुई बेस्ट हिंदी कविता Best Poem On Evening In Hindi
Best Poem On Evening In Hindi
दोस्तों, सांयकाल के हम सब दीवाने होते है और हम सभी को शाम के समय जो टहलने और घुमने में जो सुकून मिलता है वह वाकई बहुत ही कीमती होता है तो शाम के समय को आज हम आपके साथ कविता के माध्यम से शेयर कर रहे है, उम्मीद है की आपको यह कविता अच्छी लगेगी.
फैल रही लाली नदी तट रेत में
डूब रहा सूर्य सागर के पेट में
सांझ हुई
पर्वत के भाल पर
क्षितिज के गाल पर
पसरती लालिमा
जंगल के बाल पर
थक कर चूर दिन लोटपोट खेत में
फैल रही लाली नदी तट रेत में
सांझ हुई
हर तरफ शोर है
दिन है न भोर है
लौटते पशु पक्षी
घर-घर अगोर है
लौट रहे किसान काम कर खेत में
फैल रही लाली नदी तट रेत में
सांझ हुई
पथ पथ पांव पांव
रथ रथ गांव गांव
धूल धूल नभ थल
नद नद नाव नाव
दीप जला एक रात के संकेत में
फैल रही लाली नदी तट रेत में
सांझ हुई
निवेदन – आपको Sham Ke Samay Par Hindi Kavita Hindi Kavita, Best Poem On Evening In Hindi, सांझ हुई कविता कैसी लगी हमे अपने कमेन्ट के माध्यम से जरूर बताये क्योंकि आपका हर एक Comment हमें और बेहतर लिखने के लिए प्रोत्साहित करेगा.
This Best Poetry On Evening Sharing By M.D. Singh From Gajipur U.P. M.D. Singh Working Till Last 50 Year In Homeopathy. Thankyou M.D. Singh Ji Sharing Poem Of Best Poem On Evening In Hindi
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Md जी आपकी कविता पढके बहुत अच्छा लगा |इसको पढ़ते समय मुझे अपने गाँव की यादे आती है ,वो डूबता हुआ सूरज ,चहचहाते पक्षी कितने प्यारे लगते है |