नववर्ष को ज़िन्दगी का सबसे बड़ा वर्ष कैसे बनाये ? New Year Life And Success Mantra In Hindi
नववर्ष को ज़िन्दगी का सबसे बड़ा वर्ष कैसे बनाये ? New Year Life And Success Mantra In Hindi
दोस्तों, हर देश व संस्कृति में अलग अलग तारीख में नया वर्ष मनाये जाने की परम्परा पहले से ही चली आ रही है. लोग अलग अलग तरीके से इस आयोजन को मानते है, जैसे कोई दारू पीता है तो कोई Late Night पार्टी करता है, कही लोगो व्यर्थ में बैठे रहते है तो कोई मजे के नाम पर समय व पैसो की बर्बादी करता है. लेकिन कुछ लोग खुद में सुधार के लिए New Year Resolution लेकर अच्छा काम भी करते है लेकिन समय बीतने के साथ ही वह अपने संकल्पों को जान-बूझकर तोड़ देते है और पुराने ढर्रे पर ही वापस आ जाते है.
एक Month में ही ‘ढाक के तीन पात’ वाली स्थिति नज़र आने लगती है। वैसे भी किसी नयी शुरुआत के लिए नये साल या किसी मुहूर्त की प्रतीक्षा ही क्यों करना ? इस बार हम नये साल क्या हर साल व हर क्षण को सार्थक करने के कुछ सरल तरीके बता रहे हैं जिसमे आपको अपने अंदर कुछ ज्यादा बदलाव करने की जरूरत नहीं है बल्कि आपको इन्हें तुरंत ही तन-मन-धन से भी अधिक ध्यान से अपनाने की जरूरत होगी.
New Year Life And Success Mantra In Hindi
1. अपनी कमाई और खर्चो का लेखा-जोखा रखें –
दोस्तों, इस नव वर्ष में आपको सबसे पहले अपने खर्चे व होने वाली कमाई का एक लेखा जोखा जरुर रखना चाहिए. एक ऐसा लेखा जोखा बनायें जिसमें हर दिन के हिसाब से अपने प्रत्येक छोटे-से-छोटे खर्चे का भी उल्लेख करें किन्तु ध्यान रखें कि किसी को बुरा न लगे या किसी पर किया गया खर्चा ‘अहसान जताने’ जैसा न हो.
हो सके तो ऐसा लगे भी ना ! आप अपना लेखा जोखा शुरू करोगे तो आपको अपने व्यर्थ खर्चो को Control कर सकोगे साथ ही साथ इससे आपको विलासादि जैसे व्यर्थ खर्चे न्यूनतम करते हुए शून्य करने व अच्छे काम में किये गये खर्चो को बढ़ाने में सहायता होगी।
2. ब्रह्ममुहूर्त में उठने की आदत बनायें –
दोस्तों, हमारे लिए सुबह उठना काफी फायदेमंद होता है और इससे हमारी बॉडी तरोताजा रहती है. सुबह जल्दी उठने से हमारे पास एक्स्ट्रा टाइम भी होता है. इसलिए सुबह सूर्य की पहली किरण पहुँचने से पहले उठकर स्नान करने की आदत एक बार बना ली तो यह बात गाँठ बाँध लीजिए कि आप अपनी पुराणी स्थिति की अपेक्षा अधिक सहज रहेंगे.
आपका समय-प्रबन्धन अब कुछ ठीक प्रकार से हो जायेगा व आप दिन-रात ताम-झाम में डूबी रहने वाली व टाइम नहीं है जैसी समस्याओं से दूर हो जाओगे. अब आपके पास समय ही समय होगा और अपने दिन भर के काम आप एक ही दिन में पूरे करने लगोगे.
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3. अपनी डायरी मैण्टैन करें –
टी.वी. के सामने व्यर्थ बैठे रहने, Mobile में घुसने, शराब, धूम्रपान करने में जो आपने अपना नुकसान किया उसकी सारी Detail, कार्य व समय इत्यादि के अनुसार प्रतिदिन इस प्रकार लिखें कि जिस दिन आप उस निरर्थकता से बचे तो आपको आनन्द आयेगा व संतोष का अनुभव होगा तथा गम्भीरता से पालन किया तो किसी दिन ऐसी स्थिति भी आ जायेगी कि आपको यह सब लिखने की जरूरत भी अनुभव नहीं होगी या आप पूरी तरह से सुधर चुके होंगे।
जब भी कोई उल्लंघन करें तो अपने आप को कुछ सज़ा दें, जैसे कि अगले दिन चाय-काफ़ी बिल्कुल न पीयें, कल साईकल ही चलायें, कल 10-10 मिनटस तक कम से कम तीन बार रस्सी कूदें इत्यादि। ग़लती को दोहराने पर सज़ा की मात्रा व तीव्रता बढ़ा दें ताकि स्वयं को संदेश जाये कि अबकी बार अधिक सावधानी बरतनी है, या दण्ड झेलना और कठिन हो जायेगा।
4. मिट्टी के दो कटोरे में डेली पानी भरे –
हाट जाकर देसी मिट्टी से बने दो सकोरे लायें जिन्हें प्रतिदिन धो-धोकर एक सकोरे में पेयजल भरें व दुसरे में मिश्रित देसी साबुत अनाज को मिक्स करके रखे, स्थानीय किराना दुकान या अनाज-व्यवसायी से बोलें. समस्त देसी व साबुत अनाजों का एक मिश्रण तैयार कर दें।
शहर हो या गाँव हर स्थिति-परिस्थिति में पक्षियों व गिलहरियों को स्वच्छ पेयजल व पौष्टिक व स्वादिष्ट शुद्ध भोजन की कमी की सतत पूर्ति का यह सबसे सरल उपाय है एवं हम सबके ‘मनुष्य’ होने को परिभाषित करता ईश्वरीय उत्तरदायित्व भी।
5. कील-तार-सीमेण्ट-क्रांक्रीट से करें मुक्त –
आपने देखा होगा की कई बार कई पेड़ – पौधे तार व अन्य चीजो से दब जाते है या उनके ऊपर किसी सामान का बोझ लदा रहता है जिस कारण वह पौधे या तो टूट जाते है या उनका विकास नहीं हो पाता.
इसलिए हर दिन लेखा-जोखा रखें कि आज आसपास या आपके घर से दूर कितने पेड़ों से आपने कीलें निकालीं, उनसे तार हटाये, उनका दम घोंट रही क्रांक्रीट अथवा सीमेण्ट को दूर किया. इसके लिये अपने पास प्लायर, कैंची, लौहे की छोटी-सी राड, खुरपी इत्यादि का एक पैकेट रखें जो अन्य कई कार्य भी आयेगा।
6. जीव जन्तुओ की सेवा की साप्ताहिक रिपोर्ट कार्ड –
अपनी आँखों को खुला रखकर घर से बाहर निकलें, जहाँ भी कोई पशु-पक्षी घायल, भूखा-प्यासा या अन्य किसी भी प्रकार से रोगी व ज़रूरतमंद लगे तुरंत रुककर उसे सहायता पहुँचायें, आवश्यकता पड़ने पर खुद ट्राली या ऑटो की व्यवस्था करवाकर उसे चिकित्सालय पहुँचायें.
उसकी निगरानी करें व जरूरत पड़ने पर Doctor इत्यादि को बुलवाने का भी ख्याल रखें। वैसे भी ये कार्य करने में उतने कठिन नहीं होंगे परन्तु यदि पैसो से जुड़ी जैसी कोई समस्या या अन्य कोई बात आड़े आये तो भी परिचितों व अपरिचितों से सहायता माँगने में संकोच न करें।
7. बीज व वृक्षारोपण करे –
अपने साथ यहाँ-वहाँ से इकट्ठे किये गये बीज (जैसे सीताफल, बकायन, आम, चीकू, जामुन, शीशम) रखें जिन्हें आप आते-जाते मार्ग में जहाँ-जहाँ या नम व कुछ सुरक्षित-सी लगने वाले भूमि में एक छोटी-सी लकड़ी से खोदकर गड़ाते चलें जिनमें से यदि 5 प्रतिशत भी पेड़ बने तो आपका समूचा प्रयास सफल ही कहा जायेगा.
स्थानीय नर्सरी से कुछ ऐसे पेड़ खरीदे जो लोगों को बहुत भायेंगे, जैसे कि तेजपत्ता, दालचीनी, मीठी नीम, कपूर, गुग्गल, अमरूद, अनार, बेलपत्र, नारियल आदि, जहाँ-तहाँ पूछताछ जारी रखें व यदि कोई भूस्वामी, मकान-मालिक, मंदिर-पुजारी या दुकानदार अपने इलाके या अधिकार क्षेत्र में वह प्रजाति लगवाना चाहे तो वहाँ स्वयं अपने हाथों से लगाकर आयें व उसकी सुरक्षा व नियमित पानी देने का निवेदन भी करके आयें.
आपके द्वारा की गयी यह पहल आपके पुण्य तो बढ़ायेगी ही, साथ में हरियाली बढ़ाने के साथ सौहार्द्र बढ़ाने में भी प्रमुख भूमिका निभायेगी. यदि वृक्ष सुरक्षा-कवच बनाना हो तो तीन-चार मजबूत डण्डे, बाँस, पुरानी पड़ी राड्स गड़ाकर.. ठौंककर या गड्ढे खोदकर व रस्सियाँ या बेर-बबूल के काँटों से आप बड़ी आसानी से यह भी कर सकते हैं।
8. ज़रूरतमंदों की खोज व सेवा करे –
यह सोचकर न बैठे रहें कि किसी को कोई समस्या होगी या कोई परेशानी आयेगी तो तब आप उसकी सहायता भविष्य में करेंगे ही बल्कि वास्तव में आपको हर क्षण सक्रियता से दृढ़संकल्पित रहना है कि आप दिनभर जागरुक रहने के साथ ही साथ अलग से भी ऐसे व्यक्तियों, पेड़ों, पशु-पक्षियों इत्यादि की खोजबीन करें जो हो सकता है कि किसी मुसीबत अथवा पीड़ा से होकर गुज़र रहे हों, कोई दर्द मौन रहकर झेलने को मजबूर हों.
वे आप तक अपने आप कैसे पहुँचेंगे ? पहल आपको ही करनी होगी. ढूँढ-ढूँढकर देखें कहीं रेलवे स्टेशन, बस अड्डे पर कोई रो तो नहीं रहा, पेट में दाने डालने के लिये कचरे के डिब्बे तो नहीं खँगाल रहा, उस भैंस के मुख से पानी का रिसाव तो नहीं हो रहा, कोई गाय अत्यन्त दुबली या संक्रमित त्वचा वाली तो नहीं लग रही.
यदि ऐसा है तो तत्काल उसकी भरसक सहायताएँ करने के लिये जी जान लगा दें. यदि आप अब भी आगे न आये तो कौन आयेगा उस अपरिचित व लाचार के कल्याण के लिये ? इस बारे में आपको ‘अब से हर दीपावली हो सार्थकता से सँवरी’ नामक आलेख जरुर ही पढ़ना चाहिए।
9. बिना स्वार्थ के कर्म करे –
स्वार्थ या अपने कुल-कुटुम्ब के लिये तो कुत्ता भी बहुत कुछ कर ही लेता है परन्तु निःस्वार्थ भाव से या परायों के लिये, पेड़-पौधों व पशु-पक्षियों, अनाथों-बूढ़ों, अपरिचितों इत्यादि के लिये कुछ किया हो तो भगवान् को लगे कि आपको मानव जन्म प्रदान करना सार्थक हो रहा है.
इस बात को समझने के लिए आप हमारा जीवन की सार्थकता के 41 मार्ग यह आर्टिकल जरुर पढ़ा जा सकता है। उपरोक्त सम्पूर्ण डाटाबेस हर दिन के आधार पर तैयार करना है, यह नहीं कि भूल गये या बाद में लिखेंगे। नया साल चाहे जब आये, आप तो अभी से आरम्भ करें, शुभस्य शीघ्रम् ! श्रीगणेश करें
तो दोस्तों, इन टिप्स को अपनाये और नयी साल की नयी शुरुआत करे. आप सभी को Nayichetna.Com की ओर से नए वर्ष की शुभकामनायें. उम्मीद करते है आप अपना प्यार इस नए वर्ष में भी हमारे साथ बनाये रखेंगे.
तो दोस्तों यह लेख था नववर्ष को ज़िन्दगी का सबसे बड़ा वर्ष कैसे बनाये ? – New Year Life And Success Mantra In Hindi, New Year Ko Life Ka Big Year Kaise Banaye. यदि आपको यह लेख पसंद आया है तो कमेंट करें। अपने दोस्तों और साथियों में भी शेयर करें।
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Kuldeep chauhan says
बहुत सुन्दर लेख