अपने आलस्य को मिटायें कैसे ? How To Overcome Laziness Aalas In Hindi
How To Overcome Laziness Aalas In Hindi
आलस्यैव मनुष्यस्य शरीरस्थो महारिपुः
आलस्य मानव में छुपा महाशत्रु है।
आलस्य, कामचोरी, आरामतलबी इत्यादि वास्तव में तामसी (राक्षसी) लक्षण कहलाते हैं जो व्यक्ति को पतन के अंधकार में ले जा ढकेल देते हैं। दीर्घसूत्रिता (कल कर लेंगे, बाद में करते हैं) को भारतीय शास्त्रों में मानव के विकास व उत्थान के मार्ग में एक मुख्य विघ्न के रूप में गिना गया है.
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यहाँ ऐसे उपायों का उल्लेख है जिनका पालन कोई भी सरलता से करते हुए आलस्यरूप दानव को मार गिरा सकता है.
How To Overcome Laziness Aalas In Hindi
1. अलार्म :
टेबल घड़ी भी ख़रीद लायें, मोबाइल व इसमें (विशेष रूप से इसमें) अलार्म भरकर सोयें व ब्रह्ममुहूर्त में उठें। यदि Alarm बन्द कर कुछ मिनट्स तक आलस छाये तो स्वयं को दण्डित करते हुए आज तेज धूप-पानी-ठण्ड में नंगे पैर मोहल्ले के मंदिर की परिक्रमा करें। शीघ्र न उठने वालों को दिनभर थकावट लगती है जबकि एक बार शीघ्र उठने की आदत बन गयी तो सीमित समय भी पर्याप्त लगने लगता है। कामों की टालमटोली भी घट जाती है।
2. प्रचुर पानी :
पर्याप्त पानी पीते रहें, ढेर सारा पानी पेट में भर लेने के बजाय थोड़ी-थोड़ी मात्रा में नियमित पानी पियें। पेय की मात्रा बढ़ाने के नाम पर चाय-काफ़ी या वास्तव में अतिहानिप्रद तथाकथित Health व Energy Drink के सेवन से बचें। कभी-कभी काफ़ी पी जा सकती है. (इलायची एवं दालचीनी डालकर).
चाय यदि पीनी हो तो सौंठ, लौंग, मुलहठी अथवा काली मिर्च डाले बिना न पीयें. ये देसी जड़ी-बूटियाँ शरीर में एण्टिआक्सिडेण्ट्स व पोषक तत्त्वों को बढ़ाने के साथ थकान दूर करने के साथ ही रोग-प्रतिरोधक शक्ति को भी बढ़ाती हैं।
ताजे फल रेशो सहित चबाते रहें. पानी में कभी-कभी ग्लुकोज़ डालकर भी पिया जा सकता है परन्तु सादे पानी की मात्रा अधिकतम रखें जिसका कोई विकल्प नहीं हो सकता। पानी भी मटके का ही पियें।
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3. स्प्रेयर आज़मायें :
नाई की दुकान पे रखा Sprayer बर्तन-भण्डार या घरेलु सामग्रियों की दुकान से ख़रीद लायें, इसे ठीक से धोलें। अब सामान्य पानी इसमें भरकर रखें तथा जब भी उनींदापन या थकान अनुभव हो तो इसे मुख पर व बालों में छिड़क लें.
बारीक बूँदें हर मौसम में आपकी त्वचा को ताज़गी की अनुभूति करायेंगी तथा ठण्ड में भी थकान कम करने में यह बहुत लाभान्वित करेगा. ध्यान रखें कि इसमें कोई रसायन अथवा मिश्रित पानी इत्यादि पदार्थ न भरें तथा इसे नियमित रूप से धोते रहें।
4. सुगंध का समावेश :
स्टेशनरी से संगुधयुक्त लेखनियाँ व कागज का लिखा मिटारने के लिये सुगंधयुक्त रबड़ ले आयें तथा घर में भी नैसर्गिक जड़ी-बूटियों से निर्मित अगरबत्तियाँ-धूपबत्तियाँ जलायें. अपने रुमाल व Mask के अन्दर गुलाबजल छिड़ककर घर से निकलें, इस प्रकार वातावरण भी सरस रहेगा तथा चमेली-चंदन व मोगरे की सुगंधों से मन से आलस्य व थकावट को दूर करने में बड़ी सहायता होगी।
छत पर पानी की टंकी में पाँच मिलीमीटर्स कपूर का टुकड़ा मसलकर डालें जिससे नहाने-धोने का पानी कुछ सुगंधमय हो जायेगा तथा जल-शुद्धिकरण भी होगा।
5. गद्दे आलस्य थकान के घातक मिश्रण से बचें :
सोकर उठते से ही गद्दे को लपेटकर एक तरफ़ रखने को आदत बनायें। हो सके तो सोफ़ा सेट या नर्म कुर्सियाँ न रखें ताकि जब भी आप बाहर से घर लौटें अथवा घर पर पहले से हों आपका मन बैठकर सुस्ताने का न हो सके, या आप ‘दो मिनट्स सोचकर बैठेंगे, आलस्य हावी होगा, धीरे-धीरे फिसलने लगेंगे, फिर अर्द्धलेटी स्थिति आयेगी फिर थकान भी हावी हो रही होगी तो नींद लगने व समय-नाश की आशंका हो जायेगी.
अतः थकान दूर करनी हो तो थोड़ा-सा इधर-उधर चलकर या सामान्य कड़क कुर्सी पर या नीचे बैठकर अपना पसीना सुखायें, फिर हाथ धोकर मुँह पर अच्छे से छींटें मार-मारकर चेहरा धोयें अथवा पूरा सिर नल के नीचे ले जाकर भी मस्तक धो सकते हैं। इस प्रकार बिना बैठे, बिन विश्राम किये तरोताज़ा अनुभूति अपने आप होने लगेगी एवं आरामतलबी के उक्त घातक मिश्रण से आप बच निकलेंगे।
6. एक्यूप्रेशर चप्पल घर लायें :
इससे आलसीपन मिटाने व पैरों की पेशियों में रक्तसंचार ठीक कर पूरे शरीर की थकावट घटाने में सहायता होती है।
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7. खाली न बैठें:
जब भी आलस्य अथवा ऊँघने जैसी आशंका लगे बैठे न रहकर तुरंत रीढ़ की हड्डी सीधी करके खड़े हो जायें तथा कपड़े धोने, झाड़ू-पौंछा, बागवानी, गली-मोहल्ले के खरपतवार उखाड़ने, साफ-सफाई इत्यादि में लग जायें। थकावट के बावजूद यदि गतिविधि बदलकर कार्य करेंगे तो तन व मन का ध्यान किसी अन्य गतिविधि में लगा देने से रुचि जागृत होती है, नीरसता दूर होती है एवं आलस्य भी।
ऐसा न सोचें कि आज बहुत थक गया, मुझे आराम की ज़रूरत है, वास्तव में यदि आपके घर आग लगी होती कैसे आप उछलकर पानी से भरी बाल्टियाँ लाकर कूद-कूद कर आग बुझा रहे होते ! उतनी ऊर्जा आपमें क्या कहीं बाहर से आती ? नहीं ! वास्तव में वह ऊर्जा आपके भीतर पहले से है, बस आलस्य के कारण आप उसे खँगालना नहीं चाहते एवं शिथिल होकर बस पड़े रहना चाहते हैं, यह गंदी आदत छोड़ें।
8. बैठे रहने वाले कार्यों में भी गतिशीलता लायें :
जीविका Computer पर बैठे रहने वाली हो तो भी कुछ-कुछ मिनट्स में पानी पीने या अन्य कार्य से चलें-फिरें तथा बैठे-बैठे पूरा शरीर सीधा करके हाथ-पैरों में खिंचाव लायें। खुले में जाकर खुलकर जम्हाई व अँगड़ायी लैवें। बात-बात पर Mobile में झाँकने के बजाय पैरों को गतिशील बनायें.
मोबाइल, कम्प्यूटर से जुड़ा कार्य भी चलकर कर सकते हैं, जैसे कि फ़ाइल ट्रांसफर के लिये सम्बन्धित व्यक्ति के पास उसके केबिन चलकर जायें व Bluetooth On कर File Transfar करें। Cycle चलायें, सीढ़ियाँ प्रयोग करें, सुरक्षित स्थान पर चलते हुए Newspaper व Books पढ़ें।
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