प्रेगनेन्ट के लिये कब करें सम्भोग ?How To Get Pregnant Fast Easy In Hindi
How To Get Pregnant Fast Easy In Hindi
पति के शुक्राणु (नर जनन-कोशिका) व पत्नी के अण्डाणु (मादा जनन-कोशिका) के निषेचन से युग्मनज (जायगोट) बनने से पत्नी के गर्भाशय (पेट में बच्चेदानी) में भ्रूण ठहर जाने को गर्भधारण कहते हैं जो कि गर्भावस्था की शुरुआत है।
शादी के बाद जब दम्पति गर्भधारण की चाह रखने लगें तो उन्हें इसके लिये सुनियोजित तरीके से प्रयास किये जाने की आवश्यकता है कि सेक्स कब करें तथा कौन-कौन-सी सावधानियाँ बरतें।
मासिक चक्र को समझना आवश्यक है, इसकी अवधि 28 दिन कही जाती है परन्तु वास्तव में कुछ स्त्रियों में यह चक्र 21 दिन जितना छोटा हो सकता है व कुछ में 35 दिन लम्बा भी.
यहाँ तक कि समान स्त्री में आगे व पीछे के मासिक चक्रों की अवधि में भी फ़र्क हो सकता है, और तो और आजकल की दूषित दिनचर्या, ग़लत रहन-रहन इत्यादि के भी कारण मासिक चक्रों में असामान्यता, गड़बड़ व अनियमितता रहती ही है.
How To Get Pregnant Fast Easy In Hindi
इसलिये कैलेण्डर में स्त्री स्वयं अपने चक्र का लेखा-जोखा रखे परन्तु ऐसा न सोचे कि अण्डोत्सर्ग के 5 दिन पहले की अवधि में Sex करने से गर्भधारण पक्का है क्योंकि जैसा कि बता दिया गया है कि अनियमितता अत्यधिक है इसलिये समग्रता में इस बात में आगे बढ़ने की आवश्यकता है :
1. गर्भधारण के लिये सम्भोग के शुरुआत से पहले क्या ?
पति-पत्नी की आनुवंशिक जाँचें करायी जायें ताकि यदि दोनों में से कोई किसी आनुवंषिक रोग का वाहक अथवा आनुवंशिक रोगी हो तो बच्चा पैदा न करने का निर्णय किया जा सके। कुछ प्रारम्भिक जाँचें 600 से 2700 रुपयों तक की कीमत में उपलब्ध हो सकती हैं।
सिकल सेल एनीमिया इत्यादि आनुवंशिक विकारों की जाँचों के अतिरिक्त स्त्री शरीर की गर्भधारण-योग्यता की भी जाँचें अवश्य करायें, जैसे कि कहीं इसे किसी प्रकार का मधुमेह तो नहीं इत्यादि।
2. गर्भधारण के लिये सम्भोग की शुरुआत कैसे करे ?
पति-पत्नी दोनों सुनिष्चित करें दोनों के मूत्राशय खाली हों, बिल्कुल भी मल-मूत्रवेग न हो, यदि ऐसा कुछ हो तो सेक्स शुरु करने के कुछ पहले पेट खाली कर आयें। सन्तानोत्पत्ति के लिये सम्भोग करने के दौरान मन में अच्छे विचार हों कि सुसंस्कारी सन्तान पैदा हो, कामुक विचार न करें।
3. गर्भधारण के लिये सम्भोग कितने दिन में कितनी बार करे ?
हो सकता है कि डाॅक्टर्स रोज़ सेक्स करने की सलाह दें परन्तु ध्यान रहे कि इससे पति के वीर्य की एवं उसमें शुक्राणुओं की मात्रा व गुणवत्ता घट जाती है; यहाँ तक कि पत्नी के भीतर वीर्य स्प्रे होने का प्रेशर भी दब जाता है। इसलिये सप्ताह में 3-4 दिन सेक्स करना वास्तव में ठीक कहा जा सकता है।
4. गर्भधारण के लिये सम्भोग किस टाइम पर करे ?
रात को 11 से 2 बजे के बीच का समय गर्भधारण के लिये उत्तम रहता है, यदि पति-पत्नी 9-10 बजे सोने जा चुके हों (अलग-अलग या साथ) व 11 से 2 बजे से बीच का Alarm लगा चुके हों तो गर्भधारण की और सम्भावना बढ़ सकती है क्योंकि दोनों के शरीर व मन तनावमुक्त हो चुके होंगे।
5. गर्भधारण के लिये सम्भोग किस आसन-मुद्रा में करे ?
गर्भधारण जल्दी हो इसके लिये कोई विशेष आसन-मुद्रा नहीं है फिर भी सर्वश्रेष्ठ आसन होगा कि पत्नी पीठ के बल लेटी हो एवं पति ऊपर से उसके शरीर को अपने शरीर से ढँके हुए जैसा हो।
गर्भधारण की सम्भावना को और अधिक बढ़ाने के लिये पत्नी अपनी कमर के नीचे तकिया रखकर कमर को उठी हुई स्थिति में होल्ड रख सकती है जिससे षिष्न अधिक गहराई तक पहुँच पाये तथा वीर्य की बौछारें अधिक से अधिक गहराई में हों।
6. वीर्य का छिड़काव कैसे ?
जैसे ही लगे कि वीर्यस्खलन होने वाला है षिष्न को गहराई में ले जाकर वहीं रोक लें।
7. गर्भधारण के लिये सम्भोग वीर्यस्खलन के बाद क्या ?
पति षिष्न को योनि में अधिकतम गहराई में होल्ड रखे, बाथरूम रोकने या खींचने जैसा ज़ोर न लगाये, षिष्न व कमर को ढीला छोड़ दे तथा पत्नी योनि में मूत्र खींचने या रोकने जैसा ज़ोर लगाये एवं अपनी जाँघों को परस्पर इस प्रकार कस ले कि षिष्न का पूरा वीर्य उसकी योनि के भीतर निचुड़ने जैसा हो जाये। पत्नी को 15-20 मिनट्स तक मूत्रत्याग के लिये नहीं जाना है।
8. सेक्स के बाद क्या ? 15-50 मिनट्स तक पत्नी पीठ के बल लेटी रहे, हो सके जो उसकी कमर कुछ ऊपर हो व कँधों वाला भाग कुछ नीचे।
गर्भधारण के लिये कैसे सावधानियाँ रखे
1. सन्तान उत्पन्न करने के लिये सेक्स कर रहे हों तो मुख मैथुन (पति का शिश्न पत्नी के मुख में) न करें, अन्यथा लार षिष्न पर लिपट जायेगी जो योनि में जाकर शुक्राणुओं को नष्ट कर सकती है।
2. चिकनाई के लिये किसी केमिकल का प्रयोग नहीं करना है, अन्यथा शुक्राणु नष्ट हो सकते हैं अथवा इनकी गतिशीलता घट सकती है। एक फ़र्टिलिटी चार्ट बनाया जा सकता है (लेकिन ध्यान रहे कि यदि मासिक चक्र आनुमानित अवधि का रहा तो भी कुछ भी उतार-चढ़ाव सम्भव है व असम्भावित समय में गर्भधारण सम्भव एवं सम्भावित समय में हो सकता है कि गर्भधारण न हो पाये.
मासिक चक्र की अवधि (दिन) अण्डोत्सर्ग-दिवस (आव्यूलेशन-डे) गर्भधारण की सर्वाधिक सम्भावना वाले दिवस
35 दिवस, 21वाँ दिवस, 19वाँ, बीसवाँ व इक्कीसवाँ दिवस
32 दिवस अठारहवाँ दिवस, सोलहवाँ, सत्रहवाँ व अठारहवाँ दिवस
28 दिवस चैदहवाँ दिवस, 12, तेरह व चैदहवाँ दिवस
24 दिवस दसवाँ दिवस , 8, 9 व दसवाँ दिवस
21 दिवस 7वाँ दिवस, पाँच, छठवाँ व सातवाँ दिवस
गर्भधारण के लिये आहार तालिका की तैयारियाँ
1. पालक व अन्य पत्तेदार सब्जियों सहित नारंगी इत्यादि खट्टे फलों का सेवन बढ़ायें ताकि फ़ालिक अम्ल शरीर को मिले.
2. जौ, बाजरा एवं साबुत अनाजों सहित फलियों का सेवन बढ़ायें ताकि विटामिन -बी प्रचुर मात्रा में मिले।
गर्भधारण से सम्बन्धित एक भ्रम यह रहता है कि गर्भधारण के लिये पत्नी को चरमोत्कर्ष होना आवश्यक है जबकि वास्तव में वीर्य अंदर उतरना आवश्यक है, न कि पत्नी का चरमोत्कर्ष।
यदि एक वर्ष तक बिना किसी गर्भनिरोध के नियमित सम्बन्ध बनाने के बाद भी गर्भधारण न हो तो उसे बाँझपन कहा जा सकता है जिसके लगभग 50 प्रतिशत् मामलों में पुरुष-बाँझपन पाया गया है जिनके लिये पृथक् से चिकित्सात्मक जाँच व उपचार आवश्यक होगा। याद से ‘सेक्स से 31 सुनिश्चित हानियाँ’ पढ़ें।
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