डॉ. भीमराव अंबेडकर पर कविता Dr Bhimrao Ambedkar Poem In Hindi
Dr Bhimrao Ambedkar Poem In Hindi
भारत देश की धरती पर, ऐसा भी दौर आया था
सर पर किसी दलित के, छत का ना साया था ।
–
हुआ ज़ुल्म डगर-डगर पर संग उसके, मग़र
अपनी ग़रीबी के आगे, वो बेबस नजर आया था ।
–
अमीरों का दिया हर अत्याचार सहा था उसने,
फिर भी दो वक़्त की रोटी भी कमा ना पाया था ।
–
फ़िर हुआ एक रोज चमत्कार इस धरती पर,
बनकर मसीहा, ख़ुदा धरती पर उतर आया था ।
–
अब बहुत हुआ, बेवजह हम पर यू ज़ुल्म करना
ये कहते-कहते डॉ.भीमराव अंबेडकर आया था ।
–
हरपल घुट-घुटकर जी रहे दलितों के जीवन से,
जातिवाद, भेदभाव, छुआछूत मिटाने आया था ।
–
ख़ुद के बचपन को, संग अत्याचारों के जी लिया
अब औरों के बचपन को, जन्नत बनाने आया था ।
–
दम पर अपने, बनाकर सविंधान भारत देश का
हर भारतवासी का जीवन, सफ़ल उसने बनाया था ।
बनकर मसीहा, ख़ुदा धरती पर उतर आया था ।
1- रचनाकार पूरा नाम :- तलविंद्र कुमार
2- पिता का नाम :- प्रभुराम जी कड़ेला
3- जन्म तारीख़ :- 20/05/1998
4- स्थायी पता :- गाँव- डेरिया, तह.- बालेसर, जिला – जोधपुर
5- फोन नम्बर एवं वाट्सएप नम्बर :- 9549256240
Ravindra Ahirwar says
बहुत ही शानदार लिखा आपने !
जय भीम नमो बुद्धाय
Omkar says
बाबा साहेब की जीवनी पर बहुत अच्छी रचना आपकी
Surendra Mahara says
yes please send your article on mail
vinay says
Jai bhim jai bharat
Mohammad Shahbaj says
बहुत हि शानदार ||
Mohammad Shahbaj says
बहुत हि बढ़िया लगा ||
Ajay jangid says
Amazing line sir. Sir kya mai aapke blog ke liye guest post likh skta hoon.
Vijay Chandora says
nyc bhai