मेरी माँ My Mothers Poem In Hindi
इस धरा का अद्वितीय अनुपम वरदान है माँ,
जन्मदात्री जगतपूज्या जग में सबसे महान है माँ,
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नौ महीने कोख में रख वह शिशु को जन्म देती,
अथक पीड़ा सहन कर भी वह किसी से कुछ न लेती,
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दया, ममता, स्नेह की माँ अद्भुत अप्रतिम तस्वीर है,
कितने रूपों को जीती लिखतीं कितनी तकदीर है,
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माँ है तो ये दुनिया है माँ से सारा जहान है,
माँ है तो सारे सपने है माँ से ही मुस्कान है,
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माँ अगर है तभी बच्चों के पूरे होते है अरमान,
माँ से ही ये है जमाना माँ से है सारी पहचान,
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बच्चों की खातिर करती अपने सारे सपने कुर्बान है,
सच में माँ सम जग में न दूजा कोई भगवान है,
माँ है मिलती प्रेरणा और माँ से मिलता ज्ञान है,
माँ से मिलती जिंदगी और जग में मिलता मान है,
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लिखता हूँ मैं माँ पर सदा और सदा लिखता रहूँगा,
माँ ही मेरी है कलम और माँ ही मेरी जान है,
– Shivankit Tiwari
-शिवांकित तिवारी “शिवा”
युवा कवि एवं लेखक
सतना (म.प्र.)
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Suchit says
बहुत अच्छी कविता लिखी है ,आपने
Rakesh Gupta says
Bahut hi sundar Kavita..
Rakesh Gupta says
Maa ke upar aapne behtarin kavita likhi hai nice one…
Vijay chandora says
Nyc bhai good article