कम बोलना कैसे सीखे ? How To Learn Speak less In Hindi
यह बात सिद्ध करती है की जो लोग कम बोलते है या कहें की केवल ज़रूरत होने पर ही बोलते है वे सफलता तक जल्दी पहुंचते है। वे रिश्तो में भी कामयाब होते है और सामाजिक स्तर पर उनका मान बहुत ज्यादा होता है।
अक्सर यह इल्जाम महिलाओं के सिर पर आता है की वो बहुत बोलते है। साथ ही यह भी कि उनकी ढेर सारी बातो में समझदारी भरी बाते कम ही होती है। इन इलाज्मो में से दूसरा शायद कुछ ठीक लगे क्योंकि यह हर उस इंसान के लिए सच है, जो ज़्यादा बोलता है। सारी बातो का तर्कपूर्ण होना मुश्किल है। इसलिए कम बोलना ही बेहतर है, इससे बात में दम बना रहता है और छवि भी निखरती है।
कम बोलने की आदत विकसित की जा सकती है। इसके तरीको पर बात की जायेगी, लेकिन यह सोचना होगा की ज़्यादा बोलना अहमियत नहीं दिलाता और बोलने की गति बड़ा देने से भी तर्क नहीं आता तो चलिए देखते है की कैसे कम बोलना सीखे.
कम बोलने के कुछ तरीके (Kam Bolne ke Tarike)
सुनने पर ध्यान दीजिए
जब भी आप बात करे तो दूसरा आपसे क्या कह रहा है इस बात का भी ध्यान रखें। कोशिश कीजिये की दुसरे की बात पूरी सुने, उसे बीच में ना टोके। जो लोग बहुत ज़्यादा बोलते है। वे अक्सर चुप रहने के दौरान यही सोचने में लग जाते है की अब उन्हें क्या बोलना है। ऐसे में भी ज़्यादा बोलना हो ही जाता है, क्योंकि वे दूसरे लोगो की बात सुन ही नहीं रहे होते है।
संकेतो का इस्तेमाल करें
बातूनी लोगो का तर्क होता है कि बे बीच में बोल कर यह साबित करते है की वे सुन रहे है। आँखों और सिर की हरकतों से भी यह जताया जा सकता है, बोलने से गुरेज़ करे। अगर जरुरी लगे तो हम्म, जी हाँ, जैसे छोट – छोटे अनुमोदित शब्द बोले। लेकिन इनमे भी अति ना करें।
विराम पर आप भी रुकें
कितनी बार ऐसा होता है कि बातचीत के दौरान एक असहज सा विराम आ जाता है। जरुरी नहीं है की हड़बड़ाकर उस दौरान कुछ बोला ही जाये। इस समय में बिषय पर और बोलने को क्या बचा है जैसी बातों पर विचार करने से फ़ायदा होता है।
पहले सोचे फिर बोले
यह काफी पुराना तरीका है लेकिन सदा कारगर साबित होता है। सोचकर बोलने से हम कई बार गैरजरूरी बाते बोलने से बच जाते है, और इससे हम ऐसे कमेंट करने से भी बाख सकते है जो हमें बाद में परेशानी में डाल दे. इसलिए उतना ही बोले जितना आवश्यक हो.
बोल और बोल लाते है
यह True है की शब्द कंठ से निकलते है जितना ज़्यादा हम बोलेंगे, उतना ही और बोलने का मन करेगा, क्योंकि पिछले शब्द अगले शब्दों की राह को और प्रशस्त करते चलते है। बोलने वाला इसी वजह से और बोलता चला जाता है। अधिक बोलना, अनर्गल तक जाता है और अर्नगल Negative तक पहुंचा देता है।
अक्सर यह देखने में यह आया है की कम बोलने वाले लोग अपनी कमियों को बहुत चालाकी से छिपा जाते है। यदि जागरूक हुए तो सजागत से अपनी कमियों पर भी ध्यान रख कर उसे सुधारने का प्रयास करे.
एक अरबी कहावत है की जब तक आपके पास बोलने के लिए कुछ अच्छा ना हो, तब तक अपना मुँह बंद ही रखिये और मौन के मोती को मत खोने दीजिए। आप धीरे – धीरे देखोगे की आपके आसपास के लोग आपकी रिस्पेक्ट कर रहे है.
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Vijay Pal
Website : www.helpbookk.com
Self Improvement Article“How To Learn Speak less In Hindi ” यह लेख हमें भेजा है विजय पाल जी ने ellenabad Haryana से. विजय जी की अपनी एक वेबसाइट (www.helpbookk.com ) है जिसमे ये काफी बेहतरीन आर्टिकल लिखते है
नयीचेतना.कॉम में ” कम बोलना कैसे सीखे – How To Learn Speak less In Hindi” Share करने के लिए विजय जी का बहुत-बहुत धन्यवाद. हम विजय पाल जी को बेहतर भविष्य के लिए शुभकामनायें देते है और उम्मीद करते है की उनकी अन्य रचनाएँ आगे भी इस ब्लॉग पर प्रकाशित होंगी.
निवेदन- आपको How To Learn Speak less In Hindi – कम बोलना कैसे सीखे पढ़कर कैसा लगा. आप हमें Comments के माध्यम से अपने विचारो को अवश्य बताये. हमें बहुत ख़ुशी होगी.
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Kshitija mali says
Excellent sir😍👌 I like information,
Mahi says
Isko pdhne ke bad aisa ki real me life me sudhar aa gya
Bishdhar raja says
Nice
Karan Singh says
Nice Sir Very Good Infomation
Sandeep jain says
Behtreen Article hai jnaab….
Masha Allah bemisaal hai….