अपना व्यक्तित्व विकास कैसे करे ! 3 Simple Ways – How To Improve Your Personalty In Hindi
व्यक्तित्व केवल सलीके से पहने परिधानो व आकर्षक चेहरे से नहीं बनता, बल्कि व्यक्तित्व के कई माप दंड होते हैं। मनोवैज्ञानिको के अनुसार ” व्यक्ति के नैसर्गिक, मनोवैज्ञानिक एवं व्यवहार परक तत्वों का सामुहिक समन्वय व संयोजन संपूर्ण व्यक्तित्व की पहचान है “। संपूर्ण व्यक्तित्व बनता है विचार, आचार, विचारो की समझ, दूरदर्शिता, सुसंस्कृत आचरण, व्यवहारिक सोच, कार्य करने के तरीके और जीवन के प्रति अपने दृष्टिकोण से।
व्यक्तित्व के कुछ पहलू को बदलना कठिन हो सकता है लेकिन व्यक्तित्व को मनचाही दिशा दे पाना संभव है। आईए आकर्षक व्यक्तित्व बनाए केवल तीन चरणों मे –
प्रथम चरण : यथार्थवादी बने
1. परिवर्तन जीवन की वास्तविकता है. इसे स्वीकार करे :
यह जीवन परिवर्तनशील है, इस सच को आप अगर जितनी जल्दी स्वीकार कर ले उतना ही बेहतर है. जीवन में कुछ भी ऐसा नहीं होता जो परिवर्तन न हो. हर चीज बदल जाती है. इसलिए भूतकाल के ख्यालो में न खोये रहे, अपने वर्तमान जीवन को जीये और हर पल को बेहतर करते जाए.
2. संकीर्ण दृष्टिकोण बदले :
हमारा दृष्टिकोण हमारे जीवन की दिशा और दशा तय करता है, कभी भी संकीर्ण मानसिकता या नजरिया न रखे. आपका जितना छोटा नजरिया होगा आप उतना ही सोच सकते हो. इसलिए अपने नजरिये को बड़ा कीजिये. हर स्थिति को बेहतर दृष्टिकोण से देखिये.
3. स्वभाव मे परिवर्तन के बजाय व्यवहार मे परिवर्तन लाए :
हमारा स्वभाव हमारी पहचान होती है, लेकिन इसे बदलना काफी मुश्किल होता है. हम अगर चाहे तो अपने व्यवहार में जरुर परिवर्तन ला सकते है. व्यवहार में परिवर्तन करके हमअपना व्यक्तित्व बेहतर बना सकते है. इसलिए आपका स्वभाव चाहे कैसा भी हो, अपने व्यवहार को हमेशा सही रखे और व्यवहारिक बने.
4. नकारात्मक की जगह सकारात्मक सोच को स्थान दे :
नकारात्मक सोच जहाँ व्यक्ति को अंदर ही अंदर घोट देती है वही सकारात्मक सोच व्यक्ति को ऊर्जा प्रदान करती है. सकारात्मक सोचना हमें हमेशा सही परिणाम देता है. नकारात्मक सोच हमें तनाव की ओर ले जाती है. हर स्थिति में सकारात्मक सोच रखने की कोशिश करे.
5. अनावश्यक क्रियाकलापो, आदतों व दिनचर्या पर नियत्रण रखे :
हमारे दिनभर में कई ऐसे कार्य होते है जो हमारे समय को फ़ालतू में बर्बाद कर देते है. अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित कीजिये और जो भी काम आपके समय को बर्बाद करता है उसे करना छोड़ दीजिये. ऐसा करने से आपका समय तो बचेगा ही साथ में आप अधिक प्रोडक्टिव भी हो जाओगे.
6. जीवन में अनुशासित रहे :
अनुशासन का जीवन में होना बहुत महत्वपूर्ण है. अनुशासित जीवन जीना हमें जिम्मेदारियां निभाने व हर कार्य को आसानी से करने में मदद करता है. अनुशासन हीनता हमें दूसरों से बहुत पीछे कर देती है, अतः जीवन में अनुशासित व्यवहार करें.
7. जीवन मे मानवता को स्थान दे :
हम लोग भले ही जीवन में कितना व्यस्त क्यों न रहे पर हम सब सर्वप्रथम एक इंसान है. जीवन में इस बात को हमेशा ध्यान में रखे. आप अगर कभी भी मुश्किल परिस्थिति में फंस जाते हो तो उस समय मानवता को पहला स्थान दे.
8. स्वभाव मे संजीदगी लाएँ व मिलनसार बने :
अपने व्यवहार को मिलनसार रखिये, कटु व्यवहार व खुद में खोये रहने वाले लोगो को कोई भी पसंद नहीं करेगा. जो व्यक्ति लोगो से मेलजोल रखता हो व लोगो से दोस्तों वाला व्यवहार रखता है उसी को लोग पसंद करते है. इसलिए स्वभाव मे संजीदगी लाएँ व मिलनसार बने.
9. आलस्य से दूर रहे :
हमारा आलस्य हमारे दुश्मन की तरह होता है जो हमें आगे बढ़ने से रोक देता है. जब भी हम आलस्य करके किसी काम को करने से कतराते है तो उसका नुकसान हमें भुगतना पड़ता है. आलसी जीवन जीना किसी को भी शोभा नहीं देता. अपनी इस आदत को बदलिए.
10. अपनी प्राथमिकताओ को स्वयं निर्धारित करें :
जीवन में प्राथमिकताओ का होना आवश्यक है. आप अपनी प्राथमिकतायें तय कर ले, किस स्थिति में आपके लिए क्या अहम है इस बात का पता आपको होना चाहिए. प्राथमिकता होना बहुत जरुरी है.
11. अपनी कमियों को पहचाने औऱ दूर करें :
हम सब इंसान है और हर इंसान में कमियाँ होना आम बात है. इस संसार में कोई भी इंसान परफेक्ट नहीं है.. हर किसी में कूछ खूबियाँ है तो कुछ कमियाँ भी है. इसलिए अपनी खूबियों को बढ़ावा दे, वही अपनी कमजोरियों को पहचान कर उन्हें दूर करे.
12. अपने अन्दर लचीलापन रखे :
हमारा जीवन कठोर नहीं होना चाहिए. कठोरता किसी को पसंद नहीं होती. हर कोई ऐसे लोगो से मिलना पसंद करता है जिसके व्यवहार में लचीलापन हो. उस पेड़ की तरह मत बनिए जो सीधा खड़ा रहता है बल्कि उस पेड़ की तरह बनिए जो लचीला होकर झुका रहता है.
दूसरा चरण : संपूर्ण संसार एक मंच
1. विकासपरक व्यक्तित्व के लिए संसार एक ऐसा मंच है जो विभिन्न अवसर प्रदान करती है :
अगर जीवन को एक खेल समझा जाए तो यह जिंदगी हमें हमेशा खेलने के लिए अवसर प्रदान करती रहती है, परन्तु हम सब अपने जीवन में इतने उलझे हुए है हम इन अवसरों को देख ही नहीं पाते. जो व्यक्ति सीखना चाहता है आगे बढ़ना चाहता है उस इंसान के लिए संसार में अवसरों की कमी नहीं है. वह हर अवसर को अपने पक्ष में करके जीवन की ऊंचाईयां हासिल कर सकता है.
2. वर्तमान की आवश्यकता को समझे :
अगर आपको अपना जीवन आसान बनाना है तो अपने जीवन में कभी भी भूतकाल या भविष्य में न खोये रहे. हमेशा वर्तमान में रहे. वर्तमान पल में जीवन जीना हमें ख़ुशी के साथ सुख भी प्रदान करता है. अपनी वर्तमान आवश्यकताओ को समझे और जीवन के हर क्षण में अच्छा करते जाए. आपका भविष्य व भूतकाल सही बनता जाएगा.
3. नई तकनीको को सीखे औऱ अपनाए :
आज दुनिया तेजी से बदल रही है, यहाँ कुछ भी ऐसा नहीं है जो स्थिर हो. नयी तकनीके व जानकारी दिनों दिन अपडेट हो रही है. मोबाइल, कंप्यूटर, इन्टरनेट, ऑनलाइन पेमेंट तथा ऐसे ही अन्य नयी तकनीकी चीजो को समझना शुरू करे और अपने जीवन में उतार दे. तभी आप दूसरो के साथ चल पाओगे वरना लोगो से काफी पीछे रह जाओगे.
4. वैश्विक गतिविधियों से स्वयं को अपडेट करे :
हमें सिर्फ खुद पर ही ध्यान नहीं देना है बल्कि देश – दुनिया में क्या हो रहा. इस बात का पता होना भी जरुरी है. यह दुनिया हर पल बदल रही है इसलिए वैश्विक गतिविधियों से स्वयं को अपडेट करे.
5. शब्दकोश का विस्तार औऱ भाषा पर पूरी पकड़ रखे :
हमारी भाषा और शब्दकोश हमारे अभिव्यक्ति करने का एक मजबूत स्तम्भ होती है. नए शब्द सीखिए अपनी भाषा को बेहतर करते जाए. कोई नयी भाषा अगर सीखने को मिलती है तो उसे सीख ले. यह आपके जीवन में काम तो आएगी ही साथ में आपके व्यक्तित्व को आकर्षक भी बना देगी.
6. अनावश्यक बातों से स्वयं को दूर रखे :
अपने डेली रूटीन में एक बात हमेशा ध्यान दे की कभी भी अपना समय ऐसे फिजूल की बातों में खर्च न करे जिससे आपको कुछ भी सीखने को न मिल रहा हो. अनावश्यक बातो पर ध्यान देने से समय तो बर्बाद होगा ही साथ में हमारा फोकस भी लूस हो जाता है. सही बातों को सुने व अनावश्यक बातों से दूर ही रहे.
7. स्वयं, परिवार, समाज, व कर्तव्य के प्रति ईमानदार रहे :
वही व्यक्ति सफलता का स्वाद चखता है जो व्यक्ति हमेशा खुद के प्रति ईमानदार होता है. अगर हम खुद के प्रति ईमानदार नहीं है तो दूसरो के प्रति कभी भी नहीं हो सकते. खुद की नजरो में महान बनिए. खुद के साथ – साथ अपने परिवार व समाज के प्रति भी ईमानदार रहे.
तीसरा चरण : करें खुद का मुल्यांकन
1. प्रत्येक मनुष्य अपने व्यक्तित्व को दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत बना सकता है :
जी हाँ, यह बात बिलकुल सच है. आप दिनभर जो भी करते है उसका आपके आसपास के लोगो पर बहुत असर होता है. अगर आप कुछ अच्छा करते है तो दुसरे लोग उससे सीखते है वही बुरा करने पर बुरा असर होता है. खुद का व्यक्तित्व इतना आकर्षक बना ले की व्यक्ति आपसे प्रेरणा ले और आपसे हर पल सीखे.
2. दूसरो का अहसान माने :
आप इस दुनिया में आये हो इसके लिए आपको अपने माता – पिता का अहसानमंद होना चाहिए. ऐसे ही आपके जीवन में जिन लोगो ने आपकी किसी भी मौके पर कोई सहायता की हो उनका अहसान हमेशा याद रखे और समय आने पर उनकी सहायता जरुर करे.
3. चुनौतियों का सामना करें :
यह ज़िन्दगी हमारे आगे हर रोज कई चुनौतियाँ पेश कर देती है. ज़िन्दगी कोई ऐसा खेल नहीं है जो सिर्फ सेफ जोन में खेला जाता हो. यहाँ हर दिन आपको कुछ नया टास्क मिलेगा. यही टास्क चुनौतियाँ होती है. इनसे घबराए मत बल्कि मजबूती से इनका सामना करे व हर चुनौती को एक अच्छा अवसर बना ले.
4. दूसरों की उपलब्धियों की सराहना करें :
आपके आसपास कई ऐसे लोग होंगे जो अपनी फील्ड के एक्सपर्ट होंगे. ऐसे लोगो से सीखिए और उनकी उपलब्धियों की सराहना करे. आपसे छोटे या बड़े जो भी व्यक्ति कुछ अचीव करता है तो उसकी सच्ची प्रशंसा करे और आगे बढ़ने के लिए उन्हें प्रेरित करे. ऐसे करने से उनका आत्मविश्वास जरुर बढ़ेगा.
5. सामंजस्यता लाएं :
अपने जीवन में, अपने काम में, अपनी रिलेशनशिप में हमेशा तालमेल बनाये रखे. जीवन में अगर सामंजस्यता होगी तो आप अपने जीवन का भरपूर आनंद ले पाओगे. जीवन जीने में आनंद आना ही जीवन जीने का असली मकसद है. इसलिए जीवन जीने की कला को सीखिए और अपने जीवन में सामंजस्यता लाये.
ईश्वर की हर एक चीज खुबसुरत है, मनुष्य ईश्वर की एक महान कृति है, इसे औऱ भी खुबसूरत बनाए, निखारे और अपना आर्कषक व्यक्तित्व पाये. जब आपका व्यक्तित्व आकर्षित करने वाला होगा तो दुसरे लोग भी आपकी तरह ही बनना चाहेंगे और आपसे सीखेंगे.
-अंजना अंजन
All The Best !
Hindi Article “अपना व्यक्तित्व विकास कैसे करे ! How To Improve Your Personalty In Hindi” यह लेख हमें भेजा है अंजना अंजन जी ने गाजियाबाद से. समाज शास्त्र में एम. ए. व पी. एचडी अंजना अंजन जी 2003 से 2010 तक उ.प्र. मे उच्च शिक्षा विभाग में अध्यापन कार्य से जुड़ी रही. इनकी शिक्षा मगध वि. वि. बोधगया से हुई है. अंजना अंजन का जन्म 21 नवम्बर सन् 1966 को हुआ. इनका निवास स्थान गाजियाबाद है. वर्तमान मे लेखन से जुड़ने की इनकी कोशिश जारी है, यह लेख उसी कड़ी का एक अहम हिस्सा है.
Anjana Anjan
Email : anjanasinghofficial@gmail.com
नयीचेतना.कॉम में ” अपना व्यक्तित्व विकास कैसे करे ! How To Improve Your Personalty In Hindi ” Share करने के लिए अंजना अंजन जी का बहुत-बहुत धन्यवाद. हम अंजना अंजन जी को बेहतर भविष्य के लिए शुभकामनायें देते है और उम्मीद करते है की उनकी रचनाएँ आगे भी इस ब्लॉग पर प्रकाशित होंगी.
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Sarabjeet Kaur says
बहुत बढियां
Jivan Prakash says
Personality Development par aapne bahut hi shandar lekh likha hai isme vah sabhi jaruri baaten di gayi hain jinse kisi insan ko apne vyaktitva ko sudharne me madad mil sakti hai.</a
Tinku Sharma says
Personality devolpment ke liye Bahut hi useful tips share kiye hain Aapne. Aapka Bahut Bahut aadhar.
Simpa Singh says
Bahut badiya post
Surendra Mahara says
sarwan ji.. aap khud me confidence build kre. tbhi aap khud ko better feel kroge.
SARWAN KUMAR says
सर ..
मैं एक 19 वर्षीय दुबला पतला लड़का हूँ , मुझे जीन्स शर्ट और फैशन वाले कपडे पहनने का शौक नहीं हैं,,
लोग मुझे अच्छा लड़का मानते हैं., लेकिन मेरा व्यक्तित्व अच्छा नहीं हैं .
क्योकि
@मैं किसी से नजरे मिला कर बात नहीं कर सकता ,
@मैं हँसता हूँ तो चेहरा गन्दा सा लगता हैं.
@मुझ पर कोई कपडा नहीं बैठता हैं…
@कभी कभी मुझे बात करते वक़्त असहज महसूस होता हैं ..
मैं क्या करू .
कैसे कपडे पहने, चेहरा कैसे सुधारू ,
मुझे क्या करना चाहिए …
Dr. Manorama Singh says
Anjana ji aap ke lekhan se jeevan ki chunautiyon ka samna karne mein madad milti hai .
Dr. Manorama Singh says
Anjana ji aap ke lekh se vyakti ko apne molyankan me sahayata milti hai aur apni kamiyo ko dor karke parivar , samaj aur desh ke nirman me yogdan pradan karne mein saksam ban skata hai .
aap apne lekan se charitra nirman mein sahayata kar rahi hai .
Vinod Yadav says
aapne kaphi sarahniy lekh share kiya hai sir . hame aise hi motivate karte rahe.
Vijay Shankar says
Rachna ji aapne bahut hi sunder prstuti di hai