शराब और साहूकार हिन्दी कहानी Sharab Aur Sahukaar Hindi Story
हम सभी जानते है की शराब की आदत कितनी बुरी होती है.फिर भी न जाने कई लोग क्यों इस जहर को पीते है.जी हाँ,यह जहर ही है और यह कहे तो ज्यादा सही होगा की यह जहर से भी बढ़कर है क्योंकि जहर तो जो खाता है उसे ही मरता है पर यह शराब तो हमारे परिवार,बाल-बच्चे,पत्नी और सारे समाज को धीरे-धीरे खत्म करती है.
चलो एक कहानी सुनाता हूँ यह कहानी थोड़ी लम्बी है पर आप इसे जरुर पढ़े क्योंकि शराब पीने जैसी बुरी आदत हमारी जिन्दगी बरबाद कर सकती है.
एक गांव में एक साहूकार था.रोज सुबह से लेकर शाम तक वह दूकान में जुटा रहता था.धीरे-धीरे वह बहुत पैसे वाला अमीर आदमी बन गया. वह साहूकार अच्छा खाता और अच्छे कपडे पहनता.
उसके बाल-बच्चे और पत्नी भी सुखी थी.इस तरह पूरा परिवार खुशहाल था.वह सुबह उठकर भगवान की पूजा करता और फिर आस-पड़ोस के सभी लोगो के हालचाल पूछ कर आता.इस तरह गांव में उसका बहुत सम्मान था.सब लोग उसकी बातो पर विश्वास करते थे.
साहूकार से गांव में एक मंगल नाम का आदमी बहुत जलता था और साहूकार को आगे बढ़ता हुआ नहीं देख सकता था.वह दिन-रात साहूकार को बरबाद करने की ही सोचता रहता.
एक दिन वह साहूकार के घर साहूकार के पास पंहुचा.उससे दोस्ती करने लगा.साहूकार को पहले तो आश्चर्य हुआ की आज मंगल कैसे उसके पास आ गया.मंगल बहुत चालाक आदमी था.
उसने रोज साहूकार के घर जाना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे साहूकार से गहरी दोस्ती का ढोंग करने लगा.साहूकार भी उसकी बातो में आ गया और उसको भी लगने लगा की मंगल से अच्छा दोस्त तो कोई और हो ही नहीं सकता.वह मंगल पर पूरा विश्वास करने लगा.
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एक दिन मंगल साहूकार को शराब के ठेके पर ले गया और शराब की बोतल साहूकार के लिए खोल दी लेकिन साहूकार ने एकदम मना कर दिया.यह देखकर मंगल उससे नाराज हो गया और कहने लगा की पैसा तो मजे करने के लिए होता है,जिनके घर आटा-दाल ही नहीं होगा वो क्या मौज करेंगे ?
अरे,पैसा है तो जीवन को खुशियों से भरने के लिए ही है. साहूकार को लगा कि मंगल तो उसका दोस्त है तो बढ़िया ही राय देगा. उसने अपने दोस्त मंगल को खुश करने के लिए थोड़ी शराब पी ही ली.
थोड़ी-थोड़ी शराब पीते-पीते उसे इसकी आदत हो गयी.पहले तो मंगल साहूकार को बुलाने जाता था पर अब साहूकार की आदत हो गयी की वह पहले ही मंगल के घर पहुँच जाता और फिर शराब के ठेके पर चला जाता.
यह देखकर मंगल बहुत खुश हुआ क्योंकि उसकी गन्दी चाल पूरी जो हो गयी.
अब साहूकार अपनी दुकान समय से पहले ही बंद कर देता और उसे हिसाब-किताब रखने की फुरसत भी नहीं थी.
साहूकार अब शाम को ही नशे में धुत्त हो जाता और घर देर रात को आता.उसका व्यापार भी अब धीरे-धीरे डूबने लगा और उसे घाटा होने लगा.
साहूकार को ऐसा देखकर अब लोगो ने उसे पंचायत,चौपाल में बुलाना भी बंद कर दिया.उसकी पत्नी जब उसे शराब पीने से मना करती तो वह अपनी पत्नी से ही लड़ने लगता और मारने-पीटने लगता.साहूकार को अब शराब की बुरी लत लग गयी थी.पहले उसने धीरे-धीरे शराब को पीया अब शराब उसे पीने लगी और उसका घर बरबाद करने लगी.
आखिर एक दिन दूकान पर ताला लग गया और दूकान का सामान खरीदने के लिए उसके पास पैसा भी नहीं बचा.अब मंगल ने भी उसका साथ छोड़ दिया.वह तो उसको बरबाद करना चाहता था,उसको पता था की शराब की आदत बरबादी का ही रास्ता है.
रोज शाम को साहूकार को शराब पीने के लिए पैसे की जरुरत पड़ती तो वह अपनी पत्नी के गहने बेचने लग गया.उसके बच्चो के कपडे गंदे रहने लग गये और कभी-कभी तो बच्चो को भूखा ही सोना पड़ता.
साहूकार की पत्नी अपनी आँखों से घर-परिवार की और पति की बरबादी देखकर बहुत दुखी थी.वह उसे शराब रोकने के बारे में सोचती रहती थी.
एक दिन साहूकार की पत्नी गांव के मास्टरजी से मिली और उनको अपना सारा दुःख बता दिया.दुसरे दिन मास्टरजी साहूकार से मिलने उसके घर गये और उसकी आत्मा को चेताया.
साहूकार की आँखे खोली की तुमने अपने आपको ही नही बल्कि परिवार और समाज को भी बरबाद किया है.हर आदमी सिर्फ अपने लिए ही नहीं बल्कि अपने परिवार और समाज के लिए भी जिम्मेदारी निभाता है.
यह सुनकर साहूकार की आँखों में आंसू आ गये और उसके आगे अपना खुशियों से भरा घर-परिवार आ गया.उसको ध्यान आया की अब गांव के लोग उसकी इज्जत भी नहीं करते है और उसका व्यापार भी डूब गया है.वह अपनी पत्नी को इतना चाहता था और उसने उसी पर हाथ उठाया. साहूकार बहुत पछता रहा था और तब उसने कसम खायी की आज से वह कभी भी शराब को हाथ भी नहीं लगाएगा.
दोस्तों ! हमें शराब कभी भूल कर भी नहीं पीनी चाहिए वरना हमारी भी यही कहानी हो जाएगी और हमारा जीवन बरबाद हो जायेगा.यह बात हमेशा याद रखे की जीवन सिर्फ एक बार ही मिलता है, इसलिए खुद में अच्छी आदते विकसित करें.हमें अब शराब जैसी गन्दी चीज को हमारे मन,परिवार और समाज से निकाल फेकना है.
भगवान बुद्ध कहते थे – शराब मत पियो, शराब पीने से मन में बुराइयाँ पैदा होती है और बुराइयों से भरा मन तुमको आत्मा की ओर जाने से रोक देगा.
मुझे उम्मीद है की आपको ये कहानी जरूर पसंद आई होगी ।
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Mukesh says
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S.K.verma says
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